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बैरिया विधायक के दबाव में एसएचओ बैरिया अपराधियों से मेरी हत्या करवा सकते हैं : मंटन वर्मा



 बलिया। नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि शिव कुमार वर्मा मंटन ने कहा है की बैरिया विधायक के दबाव में एसएचओ संजय त्रिपाठी अपराधियों से मेरी हत्या करवा सकते हैं इसलिए उन्हें तत्काल बैरिया से हटाया जाना चाहिए। इसके लिए मैने विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री,  प्रमुख सचिव गृह से मिलकर लिखित आग्रह कर चुका हूं पुलिस अधीक्षक बलिया से भी आग्रह कर रहा हु की उन्हें हटाये।
शिवकुमार मनटन वर्मा ने मंगलवार को नगर पंचायत कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे उन्होंने कहा कि एकही प्रकरण का बार- बार जांच कराकर मुझे परेशान किया जा रहा है जबकि विभागीय अधिकारी कह रहे है कि जिस कार्य के छः साल बीत गए है उसके जांच का कोई औचित्य नहीं है। बैरिया के विकास की चर्चा करते हुए कहा की नगर पंचायत में एक महीने के भीतर दो सचल विद्युत ट्रांसफार्मर 400 केबीए और एक ट्रांसफार्मर 200 केबीए का होगा जहाँ भी ट्रांसफार्मर जलेगा वहाँ तत्काल सचल ट्रांसफार्मर लगाकर विद्युत आपूर्ति शुरू कर दिया जाएगा। वहीं पानी टंकी के पास दो सचल शौचालय स्थापित किये जायेंगे जिसमें एक साथ चार लोगों की सुविधा उपलब्ध होगी जिसमें दो पुरुषों के लिए और दो महिलाओं के लिए एक- एक स्नान घर की भी व्यवस्था होगी।ये एक सप्ताह के भीतर लगा दिया जाएगा। 
शिवकुमार वर्मा मंटन ने विधायक सुरेंद्र सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा राजनैतिक विद्वेषवश उनके दबाव में बार बार मेरे ऊपर फर्जी मुकदमे कराए जा रहे है। कुछ माह पूर्व मनोज पासवान द्वारा मेरे  ऊपर धारा 307 सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कराया गया था उच्चाधिकारियों के निर्देश पर पुलिस ने 307 समाप्त कर दिया। अगर धारा 307 समाप्त हो गया तो वह मुकदमा ही फर्जी साबित हुआ उसे पूरी तरह समाप्त होना चाहिए था किंतु ऐसा नही हुआ। इसी तरह सुरजन छपरा में एक पंचायत में गया था वहां पर भी मेरे ऊपर फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया गया था। नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि ने स्पष्ट किया कि सबकुछ जनता देख रही है समय आने पर जनता की अदालत में इंसाफ होगा । शिवकुमार वर्मा मंटन ने स्पष्ट किया चाहे मेरे ऊपर बार बार फर्जी मुकदमे दर्ज कराई जाए , चाहे एकही कार्य के लिए बार बार रिकवरी कराई जाए मैं अपने कर्तव्य मार्ग से विचलित नही होऊंगा।शिवकुमार मनटन वर्मा ने स्पस्ट किया कि छह वर्ष बाद विगत 28 अगस्त को लोकायुक्त द्वारा किये गए जांच में सिर्फ 63 हजार रिकवरी का आदेश हुआ है,छह वर्ष बाद कोई भी कार्य का जांच कराने से कुछ ना कुछ डैमेज मिलता है यही जांच काम होने के दौरान हुई होती तो एक रुपया भी रिकवरी का आदेश नही हुआ होता। 



रिपोर्ट : धीरज सिंह




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