जब दिल में लगी प्यार की लगन तो छोड़ा बंदूकों का साथ, लव मैरिज के लिए एसपी से लगाई गुहार
रायपुर। यह कहानी मोहब्बत की मिसाल है। इसमें एक ऐसे नक्सली जोड़े का पत्थर दिल पिघल गया जो कभी बंदूक उठाकर खून खराबा करने में पल भर भी नहीं लगाता था। इन्होंने अचानक हथियार डाल दिए और समाज की मुख्यधारा में लौटने के लिए कदम उठा लिए। गोला-बारूद और बंदूक जंगल में छोड़कर सीधे एसपी के पास पहुंचे और पूरी प्रेम कहानी सुना डाली।
यह कहानी छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले की है। यहां नक्सली नागेश और उर्मिला को एक-दूसरे बेपनाह मोहब्बत हो गई थी। दोनों ने प्रेम विवाह करके सामान्य जिंदगी बिताने की ठानी, मगर इनका यह ख्वाब हकीकत में बदलना इतना आसाना नहीं था जितना लग रहा है। दोनों पर आठ-आठ लाख का इनाम था। पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने या पकड़े जाने का खतरा हमेशा सिर पर मंडराता रहता था। साथ ही नक्सलवाद से तौबा कर समाज की मुख्यधारा में लौटने की सोचने पर नक्सली नेता भी इनकी जान के दुश्मन बन बैठे थे।
ऐसे में दोनों ने आत्मसमर्पण का रास्ता चुना। मंगलवार को कोंडागांव एसपी सिद्धार्थ तिवारी के सामने इन्होंने सरेंडर कर दिया और प्रेम विवाह करके समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की इच्छा जताई। दोनों बोले कि उन्हें समझ आ चुका है कि हथियार उठाने से किसी का भला नहीं हो सकता। सामाजिक बदलाव प्यार से संभव है।
हुआ यह था कि नागेश माओवादियों की मिलिट्री कंपनी नंबर छह के प्लाटून डिप्टी कमांडर के तौर पर हथियार उठा रखे थे। वहीं, उर्मिला बतौर सेक्शन सदस्य नक्सली बनी हुई थी। दोनों छत्तीसगढ़ के नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंडागांव व कांकेर इलाकों में हुई नक्सली वारदातों में शामिल रहे। सरकार ने इन पर कुल 16 लाख रुपए का इनाम भी रखा।
नक्सली के रूप में जंगलों में भटकने के दौरान नागेश और उर्मिला एक-दूसरे को दिल दे बैठे। नक्सली नेताओं को इनके प्यार की भनक लगी तो वे दोनों को अलग हो जाने का दवाब बढ़ाने लगे। जान का खतरा सताने लगा। ऐसे में दोनों मौका पाकर जंगल से भागकर कोंडागांव एसपी के सामने सरेंडर कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कोंडागांव एसपी ने नागेश व उर्मिला के इस फैसले की सराहना की और उन्हें आत्मसमर्पण नीति के तहत दस-दस हजार की प्रोत्साहन राशि प्रदान की। साथ ही कोंडागांव पुलिस ने दोनों का प्रेम विवाह करवाने में पूरी तरह से मदद करने का आश्वासन दिया है।
डेस्क
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