टीबी हारेगा - देश जीतेगा : सात दिनों में 23 हजार लोगों की हुई जांच, मिले सात रोगी
रतसर (बलिया) स्वास्थ्य विभाग द्वारा 26 दिसम्बर से 25 जनवरी -21 तक चलाये जा रहे अभियान टीबी हारेगा - देश जीतेगा की सफलता के लिए सीएचसी रतसर के अंतर्गत अति. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गड़वार से जुड़े 40 हजार की जनसंख्या के सर्वेक्षण कार्य के लिए 15 टीमें लगाई गई है। प्रत्येक टीम में तीन सक्रिय सदस्य आशा, आंगनवाड़ी एवं एनजीओ लगाए गए है। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए क्षेत्र में तीन पर्यवेक्षक भी तैनात किये गये है। सीएचसी प्रभारी डा० राकिफ अख्तर ने बताया कि सक्रिय क्षय रोगी खोज ( एसीएफ ) तीन चरणों में चलाया जा रहा है। अभियान का दूसरा चरण 2जनवरी से 12 जनवरी तक चलेगा।शुक्रवार तक एक सप्ताह के सर्वेक्षण में 22528 लोगों की स्क्रीनिंग किया जा चुका है। वहीं संदिग्ध 52 व्यक्तियों की बलगम की जांच की गई है। सक्रिय खोजी अभियान में अब तक 7 क्षय रोगी मिले है जिनका इलाज शुरु कर दिया गया है। उन्होने बताया कि टीबी लाइलाज नही है। टीबी की साधारण बीमारी में 6 महीने तक दवा, ड्रग रेजिस्टेन्ट (एमडीआर) टीबी 9 माह से 11 माह तक दवा और एक्सडीआर टीबी में 18 माह से 20 माह तक दवा खाने से टीबी पूरी तरह ठीक हो सकता है। अब प्रत्येक क्षय रोगी को शासन से 500 रुपए पोषण भत्ता दिया जा रहा है। निश्चय पोषण योजना के तहत गड़वार ब्लाक में 91 प्रतिशत क्षय रोगी के खाते में धनराशि भेजी जा चुकी है। इस अभियान की सफलता के लिए अमित कुमार, सन्दीप उपाध्याय, अनिल कुमार एवं लैब टैक्निशयन अजय कुमार तैनात किए गए है।
रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय
No comments