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स्वामी जी छुआछूत, पाखंड एवं पुरोहिती व्यवस्था के विरुद्ध थें : सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त


सिकन्दरपुर (बलिया)। भारत के अंदर राष्ट्रीय जन जागरण की शुरुआत विवेकानंद ने की, उन्होंने युवा पीढ़ी को मन से भय निकालकर उसे उठो, जागो एवं अपने लक्ष्य को प्राप्त करने तक शांत न बैठने का महामंत्र दिया। उक्त उद्गार जूनियर हाई स्कूल सिकन्दरपुर में आयोजित विवेकानंद जयंती समारोह में बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने प्रकट करते हुए बताया कि स्वामी जी छुआछूत, पाखंड एवं पुरोहिती व्यवस्था के विरुद्ध थें। समाज की समस्या को दूर करने के लिए क्षेत्रगत, जातिगत नहीं राष्ट्रगत परिश्रम करने पर बल दिया। देश की आध्यात्मिक शक्ति को सबसे बड़ी ताकत बताया। क्षेत्रीय विधायक संजय यादव ने कहा कि स्वामी जी शिकागो की धर्म सभा में सनातन धर्म की महानता का भान दुनिया के सभी धर्मावलंबियों में कराकर हिंदू धर्म की श्रेष्ठता को कायम किया। नरेंद्र मोदी भी स्वामी जी के सपनों को आगे बढ़ाते हुए मजबूत भारत, समृद्ध भारत एवं आत्मनिर्भर भारत की पहल की है। पूर्व मंत्री राजधारी ने बताया कि स्वामी जी दरिद्रनरायण की सेवा को सबसे बड़ी पूजा बताते हुए कहा था कि जब पड़ोसी भूखा मरता हो तो मंदिर में भोग चढ़ाना पुण्य नहीं पाप है। तथा वास्तविक शिव पूजा निर्धन और गरीब की पूजा है, रोगी और कमजोर की पूजा है। वे कहा करते थे कि भारत का कल्याण शक्ति की साधना में है, जन-जन में शक्ति छिपी है उसे बाहर करनी हैं। समारोह को प्रमुख रूप से अरविन्द कुमार राय, भुवाल सिंह, सुरेश सिंह, विद्यासागर उपाध्याय, संजय राय, डॉ मोहन कांत राय, अखिलेश कुमार राय, अमरजीत भारद्वाज, राकेश गुप्ता, हर्षित सिंह, निकेश सिंह, आनंद सिंह, दिनेश सिंह व योगेंद्र यादव आदि ने संबोधित किया। अध्यक्ष बैजनाथ पाण्डेय व संचालन भोला सिंह नें किया।


रिपोर्ट संतोष शर्मा

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