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चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के सहारे चल रहा है दुबहर पशु चिकित्सालय




दुबहर : स्थानीय क्षेत्र पंचायत अंतर्गत दुबहर पशु चिकित्सालय विगत कई महीनों से  चिकित्सा अधिकारी के अभाव में उपेक्षा का दंश झेल रहा है। क्षेत्रीय ग्रामीणों का कहना है कि कई बार  उच्चाधिकारियों के यहां ज्ञापन प्रेषित करने के बाद भी कोई ठोस करवाई नहीं हुई। ज्ञापन देने के बाद उच्च अधिकारियों से केवल आश्वासन मिलता है ग्रामीणों का कहना है कि इस पशु चिकित्सालय के अंदर दर्जनों से अधिक गांव आते हैं, लेकिन पशु चिकित्सा अधिकारी के अभाव में प्राइवेट डॉक्टरों का सहारा लेना पड़ता है ।जिससे पशुपालकों मैं काफी मायूसी है। स्थानीय ग्रामवासी दारा सिंह,मुकेश सिंह,पपु सिंह,बबलू सिंह, का कहना है कि पशु चिकित्सा अधिकारी के अभाव में सही तरीके से इलाज ना होने के कारण पशु मरने लगी है और अब पशु पालना मुश्किल हो गया है। सरकार एक तरफ पशुओं पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है वही  धरातल पर हवा हवाई साबित हो रहा है । इस चिकित्सालय पर स्थाई चिकित्सक न होने के कारण बांसडीह रोड पशु चिकित्सालय से डॉक्टर विशेष परिस्थिति में आकर इलाज करते हैं। कभी कभी हफ्तों कोई नहीं आता। ऐसे में पशुपालन मायूस हो जाते हैं और उन्हें प्राइवेट पशु चिकित्सकों का सहारा लेना पड़ता है स्थानीय ग्राम प्रधान प्रभात पांडे ,टप्पू गुप्ता, भुअर यादव प्रधान बयासी ने पशुधन प्रसार अधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए तत्काल पशु चिकित्सक की मांग की है।




रिपोर्ट नितेश पाठक



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