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विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार रोकथाम दिवस विशेष : बुजुर्गों को बच्चों की भावनाओं को समझते हुए समय के साथ चलना होगा : इं० गणेशी पाण्डेय


 




रतसर (बलिया):क्षेत्र के जनऊपुर में जनऊबाबा साहित्यिक संस्था निर्झर की ओर से बुद्धवार को हनुमत सेवा ट्रस्ट के परिसर में आयोजित विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार रोकथाम जागरुकता दिवस पर गोष्ठी का आयोजन हुआ। गोष्ठी में बुजुर्गो पर बढ़ते अत्याचार पर चिंता व्यक्त की गई। वक्ताओं ने कहा कि बुजुर्गो पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है। आज की पीढ़ी मोबाइल पर व्यस्त रहती है और उसके पास बुजुर्गो के लिए समय नहीं है। गोष्ठी को संबोधित करते हुए इं० गणेशी पाण्डेय ने कहा कि बुजुर्गों को अगर शांत और प्रेममय वातावरण चाहिए तो वे भी अपनी जिम्मेदारियां समझें। समय के साथ चलने की कोशिश करें। बच्चों की भावनाओं को समझने की कोशिश करे।चूँकि आजकल भाग दौड़ भरी जिंदगी है और बच्चे आधुनिक जिंदगी जीना चाहते है तो अनावश्यक दखल ना करें। उन्हें भी अपनी जिन्दगी खुलकर जीने दे और खुद भी जियें। डायट के पूर्व प्रवक्ता दिवाकर पाण्डेय ने बताया कि बुजुर्गों को भी चाहिए कि वे भी जमाने के साथ साथ थोड़ा आधुनिकता के साथ भी तालमेल बैठाने की कोशिश करें और वहीं युवाओं को चाहिए कि वे आधुनिकता के चक्कर में अपने संस्कारों को ही ना भूल जाएं। दोनों पीढ़ियों के स्वस्थ तालमेल से ही सुदृढ़ सुरक्षित समाज की नींव सम्भव है और अगर तालमेल बैठाना सम्भव ना हो तो अलग रहकर भी एक दूसरे की देखभाल की जा सकती है। कभी कभी थोड़ा दूर रहकर भी परस्पर प्रेम और भाईचारा बनाया रखा जा सकता है। गोष्ठी की अध्यक्षता प्रेम नारायन पाण्डेय एवं संचालन राधेश्याम पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर हृदयानन्द पाण्डेय, शिवप्रसाद,आदित्यनाथ, मदन मोहन,श्याम नारायन, राजकुमार गुप्ता, बब्बन पाण्डेय आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए ।

रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय

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