प्रति माह 40 लाख का राजस्व प्राप्त होने पर भी सुविधा विहिन है रेवती रेलवे स्टेशन
रेवती (बलिया) पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा औड़िहार रेलखंड पर बलिया छपरा के बीच सुरेमनपुर व सहतवार के बाद प्रति दिन 13000 हजार तथा प्रति माह लगभग 40 लाख रूपए सर्वाधिक आय आय देने वाला तीसरा स्टेशन होने के बावजूद रेवती रेलवे स्टेशन यात्री सुविधाओं से वंचित हैं। पेयजल, शौचालय,साफ सफाई का सर्वथा अभाव है। अप साइड का प्लेटफार्म नंबर एक न होने से महिलाओं, बुजुर्गो, विकलांग व बच्चों को ट्रेन में चढ़ने उतरने में काफी असुविधा होती है। लाईट के गुल होने पर लोग अंधेरे में चढ़ने उतरने के लिए विवश हैं। एलाउंसमेंट की व्यवस्था न होने से ट्रेन आने की जानकारी लोगों को मोबाइल से करनी पड़ती है। कंप्यूटरीकृत की जगह ठेकेदार के माध्यम से टिकट बिकती है।
यहां छपरा सारनाथ एक्सप्रेस, उत्सर्ग एक्सप्रेस, बलिया सियालदह व छपरा वाराणसी इंन्टरसिटी सहित चार चार एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव है। सुरेमनपुर से सहतवार सेक्शन के बीच 21 कि मी की दूरी होने से ट्रेनों के संचालन में भी दिक्कते आती हैं।
क्षेत्रवासी ओमप्रकाश कुंवर का कहना है कि छोटी लाइन के समय यहां मालगोदाम भी था। आमान परिवर्तन के बाद उसे समाप्त कर दिया गया। यदि पार्सल की सुविधा यहां सुनिश्चित हो जाए तो राजस्व में और वृद्धि होगी। भाजपा नेता अभिज्ञान तिवारी का कहना है कि सन 1942 के अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में पूरे देश में सबसे पहले रेवती नगर पंचायत आजाद हुआ था। इसे अमृत महोत्सव स्टेशन घोषित किया जाना चाहिए।
अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल सहित क्षेत्रवासियों ने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव व डीआरएम वाराणसी को पत्रक प्रेषित कर हाल्ट घोषित रेवती को पहले की तरह स्टेशन बहाल करने की मांग की है।
पुनीत केशरी
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