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डॉ मुक्तेश्वर तिवारी 'बेसुध' (चतुरी चाचा) - जयंती विशेष

 



जन्म - 1 जुलाई 1927

पुण्यतिथि - 24 जुलाई 1987


भोजपुरी लोकोक्ति-मुहावरा प शोध करे वाला, भोजपुरी में कहानी, हास्य-व्यंग्य के सुप्रसिद्ध साहित्यकार, चतुरी चाचा के नाव से 25 साल ले लगातार भोजपुरी में हास्य व्यंग्य लिखे वाला महान रचनाकार मुक्तेश्वर तिवारी जी के जयंती प आखर परिवार बेर बेर नमन क रहल बा।


'आज' अखबार में ' चतुरी चाचा की चिठ्ठियाँ ' नाव से लगभग 25 साल ले भोजपुरी में लिखे वाला डॉ मुक्तेश्वर तिवारी 'बेसुध' जी के जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिला के चितबड़ागांव के आशापुर में 1 जुलाई 1927 के भइल रहे । शुरुवाती शिक्षा बड़का गांव ( चितबड़ागांव) में भइल आ बाद में उच्च शिक्षा में एम ए ( हिंदी साहित्य) , एम कॉम, साहित्यरत्न, एल.टी. आ पीएचडे कइनी । इहां के शोध ग्रंथ रहे 'सूफी अध्यात्म दर्शन का मध्यकालीन हिंदी संत-साहित्य पर प्रभाव' आ 'भोजपुरी लोकोक्ति और मुहावरे' ।


अध्यापक के नौकरी करत रहनी आ चितबड़ागांव के इंटर कॉलेज में बाद में प्रिंसपल बननी । इहां के शुरुवे से नाटक, एकांकी, कहानी, आ लोकगीतन में बिरहा आदि लिखत रहनी । इहां के लेखनी के चर्चा शुरुवे से होखे लागल रहे । इहां के लेखन में हास्य-व्यंग्य के कमाल के असर रहे। जहाँ आज अखबार में चतुरी चाचा की चटपटी चिठ्ठिया से इहां के शोहरत मिलल ओजुगे आकाशवाणी इलाहाबाद से 'समझावन शुक्ल के परिवार' धारावाहिक के रुप में घर घर ले आपन जगहि बनवलस । इलाहाबाद आ गोरखपुर आकाशवाणी से भोजपुरी नाटक माला के लगातार प्रस्तुति रहत रहे । इहां के 'चतुरी चाचा की चिठ्ठिया' दू भाग में सन्‌ 1957 आ 1958 में किताब के रुप में इलाहाबाद ( अब प्रयागराज ) से प्रकाशित भइल । एह किताब के भूमिका, भोजपुरी भाषाविद्‌ डॉ उदय नारायण तिवारी जी लिखले रहनी । भारत आ चीन प केंद्रित इहां के कविता संग्रह ' हिमालय ना झुकी कबहूँ" सन्‌ 1971 में चितबड़ागांव के हिंदी परिषद के ओर से प्रकाशित भइल रहे । डॉ मुक्तेश्वर तिवारी 'बेसुध' जी के लिखल 14 गो भोजपुरी कहानियन के संग्रह 'भइंसि का दूध' 1978 में प्रकाशित भइल रहे ।


डॉ मुक्तेश्वर तिवारी 'बेसुध' जी 'आज', 'दैनिक हिंदुस्तान', 'धर्मयुग' खातिर लगातार लिखत रहनी । एह के अलावा अनेकन गो अखबार, पत्र पत्रिका में इहां के लेख अक्सर छपत रहे । रेलवे के सलाहकार समिति के सदस्य रहनी अ इहां के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार मिलल रहे । अनेकन गो संस्था से इहां के साहित्य में शोध आ सेवा खातिर सम्मान मिलल । 24 जुलाई 1981 के हृदय रोग से इहां के निधन हो गइल ।


इहां के प्रकाशित किताब -


1- चतुरी चाचा की चिट्ठियां [ दू भाग में ] - हास्य व्यंग्य (भोजपुरी)

2- मेघमाला - कविता संग्रह ( हिंदी)

3- गुलछर्रे - हास्य व्यंग्य - (हिंदी)

4- हिमालय का झूकी कबहूँ - कविता / गीत संग्रह ( भोजपुरी)

5- भोजपुरी लोकोक्तियाँ और मुहावरे - समीक्षात्मक प्रबंध

6- भइंसि का दूध - कहानी संग्रह ( भोजपुरी)


उपर के 6 गो किताबिन में अंतिम दू गो (भोजपुरी लोकोक्तिया और मुहावरे आ भइंसि का दूध) भोजपुरी साहित्यांगन प लागल बड़ुवे, ओजुगा एह दुनो किताबिन के पढल जा सकेला आ डाउनलोड क सकेनी ।


आखर परिवार अपना एह महान साहित्यकार के बेर बेर नमन क रहल बा ।



 रिपोर्ट अतुल कुमार तिवारी

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