श्री विष्णु महायज्ञ में संगीतमय रामकथा में भगवान राम के वनवास पर भर आई आंखें
रतसर (बलिया) कस्बा के ध्रुवनाथ जी के मठिया पर चल रहे श्री विष्णु महायज्ञ एवं संगीतमय रामकथा के सातवें दिन शनिवार की रात व्यासपीठ से कथा वाचिका आरती किशोरी ने भगवान श्रीराम के वनवास का प्रसंग सुनाया। जिसे सुनकर श्रद्धालुओं की आंखें भर आई। कथावाचिका किशोरी ने भगवान को पिता का आज्ञाकारी होने और भाइयों के प्रेम की भी कथा सुनाई। वहीं सुबह के समय महायज्ञ में आहुतियां देकर मंगल कामना करने वालों की भीड़ रही। आरती किशोरी ने बताया कि जब राजा दशरथ ने श्रीराम को चौदह वर्ष के वनवास का आदेश दिया तो प्रभु इसे पिता की आज्ञा मानते हुए तुरन्त ही खुशी-खुशी तैयार हो गए। इसके अलावा किशोरी ने चारो भाइयों के प्रेम का भी वर्णन किया। बताया कि सभी भाइयों में एक-दूसरे के लिए प्रेम और त्याग की भावना मानव के लिए उदाहरण है। आज के समय में ऐसे आज्ञाकारी पुत्र और भाई मिलना मुश्किल है। इस दौर में लोग माता- पिता की आज्ञा की अवहेलना कर रहे है। भाइयों में छोटी- छोटी बातों को लेकर ही विवाद हो जाते है। इसके पूर्व समाजसेवी चेयरमैन प्रतिनिधि पवन सिंह एवं चेयरमैन अजय राजभर ने किशोरी जी सहित अन्य प्रवचन कर्ता को अंगवस्त्र एवं पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया। वहीं कथा सुनने वाले श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जुट रही है।
रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय
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