तीन तीन सांसदों के प्रयास के बावजूद हाल्ट से नही बहाल हुआ रेलवे स्टेशन रेवती
रेवती (बलिया) । सन 1942 के अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में पूरे देश में सबसे पहले व बलिया से भी चार दिन पूर्व 15 अगस्त 1942 को रेवती आजाद हुआ था। रेवती रेलवे स्टेशन को अमृत महोत्सव स्टेशन घोषित होना चाहिए था। किन्तु जन प्रतिनिधियों की उपेक्षा के चलते रेल प्रशासन द्वारा फरवरी 2023 में आजादी से पहले के स्थापित इस स्टेशन को हाल्ट घोषित कर यात्री सुविधा विहिन कर दिया गया। स्टेशन हाल्ट घोषित होने के बाद ट्रेनों का संचालन सुरेमनपुर व सहतवार स्टेशन से किया जा रहा है जबकि दोनों के बीच की दूरी 21 किलो मीटर है।
सारनाथ दुर्ग, बलिया सियालदह, उत्सर्ग एक्सप्रेस व छपरा वाराणसी इन्टर सिटी चार चार एक्सप्रेस ट्रेनों का टहराव होने के बावजूद अप साईड का प्लेटफार्म नंबर एक समाप्त कर दिया गया है। बिना प्लेटफार्म के मात्र एक मिनट के ठहराव में ट्रेन के डिब्बे में चढ़ने उतरने में वृद्ध, विकलांग, महिलाओं व बच्चों को का परेशानी झेलनी पड़ती है। कंप्यूटरीकृत की जगह ठेका पर टिकट की बिक्री होने से कभी कभी टिकट की कमी से लोगों को यात्रा स्थगित करनी पड़ती है। ट्रेनों के आने जाने की ऐलाउन्समेन्ट का अभाव, बिजली के न रहने पर अंधेरे में ट्रेन पर चढ़ने की विवशता,टीन शेड, पेयजल, शौचालय,साफ सफाई जैसे बुनियादी सुविधाओं का सर्वथा अभाव बना हुआ है।
सांसद सलेमपुर रमाशंकर विद्यार्थी द्वारा संसद सत्र,पूरक बजट सत्र से लगाए रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव तथा रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष से क्षेत्रवासियों के हित में स्टेशन बहाल करने का मुद्दा उठाया गया। आश्वासन मिला किन्तु अभी तक रेलवे मंत्रालय से इस संबंध में कोई लेटर नही जारी किया गया। सांसद बलिया सनातन पांडेय,राजसभा सांसद नीरज शेखर भी स्टेशन बहाल करने का मुद्दा उठा चुके हैं। तीन तीन तीन सांसद के प्रयास के बावजूद हाल्ट से स्टेशन बहाल नही हो पाया। स्टेशन बहाल करो संघर्ष समिति के तत्वावधान में 71 दिनों तक सर्वदलीय जन आंदोलन चला किन्तु रेल मंत्रालय के लगातार उपेक्षा के चलते एक बार पुनः स्टेशन बहाल करने को लेकर जन आंदोलन की सुगबुगाहट शुरू हो गई है।
पुनीत केशरी
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