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67 लाख के खाद्यान्न घोटाले में ग्राम पंचायत अधिकारी गिरफ्तार





बलिया। संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना (एसजीआरवाई) के तहत पंदह ब्लॉक में वर्ष 2002 से 2005 के बीच हुए 67 लाख रुपये के खाद्यान्न और नकद घोटाले में वांछित तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी राजेन्द्र प्रसाद वर्मा को शनिवार को आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (EOW) वाराणसी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया।


गिरफ्तारी पंदह गांव स्थित उनके आवास से सुबह की गई। आरोपी को वाराणसी स्थित भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।


जांच में कैसे हुआ खुलासा?


ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया कि वर्ष 2002-2005 के बीच मिट्टी कार्य, नाली, खड़ंजा, सीसी रोड, पुलिया और संपर्क मार्ग जैसी परियोजनाएं या तो अधूरी थीं या मानकों के विपरीत पूरी की गई थीं।


इतना ही नहीं, योजनाओं के नाम पर फर्जी मस्टर रोल बनाकर 34.70 लाख रुपये नगद और 32.43 लाख रुपये के खाद्यान्न का कागजी वितरण दर्शाया गया। इस तरह कुल 67.13 लाख रुपये का सरकारी धन गबन किया गया।


जांच में तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम प्रधान और कोटेदारों की मिलीभगत सामने आई थी। कुल 12 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनमें से राजेन्द्र प्रसाद वर्मा काफी समय से फरार चल रहे थे।


गिरफ्तारी कैसे हुई?


उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिकता में लिए गए इस मामले में कार्रवाई के निर्देश पर ईओडब्ल्यू वाराणसी के पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम प्रभारी निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा के नेतृत्व में छापेमारी कर वांछित अधिकारी को पंदह स्थित घर से गिरफ्तार किया गया।


गिरफ्तारी करने वाली टीम में निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा, निरीक्षक अरविंद कुमार समेत अन्य अधिकारी शामिल थे।


पृष्ठभूमि और मामला दर्ज


राजेन्द्र प्रसाद वर्मा के खिलाफ वर्ष 2006 में थाना सिकंदरपुर में भ्रष्टाचार, गबन और कूटरचित दस्तावेजों के उपयोग संबंधी धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।


गिरफ्तारी के साथ ही शासन की ओर से घोटालों पर लगाम कसने की मंशा को बल मिला है।



By- Dhiraj Singh

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