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एक मिनट के ठहराव में बिना प्लेटफार्म के ट्रेनों में चढ़ने उतरने में लोगो को हो रही परेशानी

 


 रेवती (बलिया)। पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा बलिया रेल खंड पर स्थित रेवती रेलवे स्टेशन का सुरेमनपुर व सहतवार के बाद आय के मामले में तीसरा स्थान हासिल है। बावजूद यात्री सुविधाओं का विस्तार नही होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रेवती नगर पंचायत के साथ ब्लाक मुख्यालय भी है। दो दर्जन से अधिक गांवों की दो लाख से अधिक आबादी का सीधा संबंध रेवती रेलवे स्टेशन से जुड़ा हुआ है। दो वर्ष पूर्व अप्रैल 2023 में हाल्ट घोषित होने के पश्चात ट्रेनों का संचालन सुरेमनपुर व सहतवार से किया जा रहा है। जबकि दोनों की बीच की दूरी 21 किलो मीटर है। अप साईड का प्लेटफार्म नंबर एक को समाप्त किए जाने के बाद बमुश्किल एक मिनट के ट्रेनों के ठहराव में नीचे सीधे रेलवे ट्रैक से डिब्बे में चढ़ने उतरने में बुजुर्ग, विकलांग, महिलाओं व बच्चों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। आए दिन दैनिक यात्री चोटिल होते रहते हैं। टीन शेड की पर्याप्त व्यवस्था नही होने से  यात्रियों को गर्मी व बरसात में तमाम प्रकार की दिक्कते होती हैं। चार चार एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव होने के बावजूद, पेयजल, शौचालय,साफ सफाई, कंम्पूटरीकृत टिकट, ट्रेनों के आने की एलाउंसमेट आदि की व्यवस्था सुनिश्चित नही हो पायी है। बिजली की सप्लाई न रहने पर लोग अंधेरे में ट्रेन में चढ़ते के लिए विवश हैं।

20 अक्टूबर 2024 से 29 दिसंबर 2024 तक व्यापार मंडल व स्टेशन बहाल करो संघर्ष समिति के संयुक्त तत्वावधान में स्टेशन बहाल करने के 71 दिनों तक सर्वदलीय जन आंदोलन चलाया गया। सांसद सलेमपुर रमाशंकर विद्यार्थी, सांसद बलिया सनातन पांडेय, राज्यसभा सांसद नीरज शेखर आदि द्वारा लोकसभा सत्र के दौरान रेवती को पहले की तरह स्टेशन का दर्जा बहाल करने की मांग की गई। रेल मंत्रालय द्वारा इस संबंध में अभी तक कोई स्पष्ट कार्यवाही नहीं किए जाने से क्षेत्रवासियों में गहरा आक्रोश व्याप्त है।  स्टेशन बहाल करो आंदोलन से जुड़े कनक पांडेय ,लक्ष्मण पांडेय, ओम प्रकाश कुंवर, महाबीर तिवारी, पप्पू पांडेय, वीरेंद्र गुप्ता आदि ने रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव व रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष से जनता के व्यापक हित को देखते हुए स्टेशन बहाल करने के साथ यात्री सुविधाओं के विस्तार किए जाने की मांग की है।


पुनीत केशरी

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