नाग पंचमी के अवसर पर घर-घर पूजे गए नाग देवता
मनियर, बलिया। नाग पंचमी के अवसर पर मंगलवार को नाग देवता की पूजा लोगों ने क्षेत्र में धूमधाम से किया ।इस दिन मनियर ब्लॉक के असना गांव में मेला भी लगा तथा गांव ही नहीं दूर-दूर के लोग भी बड़े बांस में झंडा पताका लगाकर डीजे पर थिरकते हुए जुलूस के साथ रामजीत बाबा के जयकारा लगाते हुए पहुंचे और वहां पर अपना झंडा रख करके बाबा के स्थान पर दूध लावा रोट इत्यादि पूजन सामग्री को चढ़ाया ।नवयुवक मंगल दल के युवाओं ने डीजे के साथ भक्ति गानों की धुन पर थिरकते हुए मंदिर पर पहुंचे। मंदिर पर कुश्ती दंगल का भी आयोजन किया गया जिसमें कई जोड़ी पहलवानों ने अपनी जोर आजमाइश की। ग्रामीणों के अनुसार रामजीत बाबा का पिंड का निर्माण करीब डेढ़ सौ वर्ष पूर्व अकलू राजभर ने किया था । यह गांव बहेरा नाले के किनारे बसा हुआ है जहां जंगल हुआ करता था और विषैले सर्प इस क्षेत्र में रहा करते थे ।सर्प के डंसने से लोग काल कवलित हो जाते थे ।एक मजदूर अकलू राजभर ने मुड़ियारी स्थित राम जी बाबा के पिंड के पास से मिट्टी लाकर यहां रामजीत बाबा का पिंड स्थापित किया। पिंड स्थापना के बाद सिर्फ तीन लोग ही सर्प डंसने से मरे हैं ।ऐसा ग्रामीणों का मानना है। ग्रामीण सूरज सिंह का कहना है कि जब चकबंदी हो रही थी तो उस समय एक रोचक घटना घटी। घटना करीब 40 वर्ष पहले की है ।कानूनगो से लोगों ने रामजीत बाबा के नाम पर मंदिर के लिए चक काटने के लिए कहा तो कानूनगो ने कहा कि मंदिर के लिए चक की क्या जरूरत है? अगले दिन रात में कानूनगो सोए हुए थे तो रामजीत बाबा उनके सामने प्रकट हुए । कानूनगो भयभीत हो गए। अगले ही दिन उन्होंने साढ़े छः कट्ठा जमीन रामजीत बाबा के मंदिर के नाम से कर दिया ।लोगों का मानना है कि रामजीत बाबा के स्थान पर सर्प का डंसा हुआ व्यक्ति आ जाता है तो वह ठीक होकर वापस लौट जाता है।
प्रदीप कुमार तिवारी
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