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जानें आज दिनांक - 02 अक्टूबर 2025 का पंचांग

 



*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*

*⛅दिनांक - 02 अक्टूबर 2025*

*⛅दिन - गुरुवार*

*⛅विक्रम संवत् - 2082*

*⛅अयन - दक्षिणायण*

*⛅ऋतु - शरद*

*⛅मास - आश्विन*

*⛅पक्ष - शुक्ल*

*⛅तिथि - दशमी शाम 07:10 तक तत्पश्चात् एकादशी*

*⛅नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा सुबह 09:13 तक तत्पश्चात् श्रवण*

*⛅योग - सुकर्मा रात्रि 11:29 तक तत्पश्चात् धृति*

*⛅राहुकाल - दोपहर 01:45 से  दोपहर 03:15 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)* 

*⛅सूर्योदय - 06:19*

*⛅सूर्यास्त - 06:13 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त उज्जैन मानक समयानुसार)*

*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*

*⛅ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:42 से प्रातः 05:30 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*

*⛅अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11:52 से दोपहर 12:40 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*

*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:52 से रात्रि 12:40 अक्टूबर 03 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*

*⛅️व्रत पर्व विवरण - दुर्गा विसर्जन, सरस्वती विसर्जन, विजयादशमी, दशहरा,  विद्यारम्भम् का दिन, मध्वाचार्य जयंती, महात्मा गाँधी जयंती, लालबहादुर शास्त्री जयंती, बुद्ध जयंती*

*🌥️विशेष - दशमी को लौकी कलंबी शाक खाना त्याज्य है तथा एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*


*🔹विजयादशमी : 22 अक्टूबर 2025 🔹*


*🔸विजयादशमी का दिन बहुत महत्त्व का है और इस दिन सूर्यास्त के पूर्व से लेकर तारे निकलने तक का समय अर्थात् संध्या का समय बहुत उपयोगी है ।*


*🔸दशहरे की संध्या को भगवान को प्रीतिपूर्वक भजे और प्रार्थना करे ।*


*🔸‘ॐ’ का जप करने से लौकिक कामनाओं की पूर्ति, आध्यात्मिक चेतना में वृद्धि और जीवन में दिव्यता तथा परमात्मा की प्राप्ति  होती है ।*


*🔹 दशहरा के दिन जपने योग्य मंन्त्र 🔹*


*🔸 दशहरे की शाम को सूर्यास्त होने से कुछ समय पहले से लेकर आकाश में तारे उदय होने तक का समय सर्व सिद्धिदायी विजयकाल कहलाता है ।*


*🔸 इस विजयकाल में थोड़ी देर "राम रामाय नमः" मंत्र के नाम का जप करें ।*


*🔸 मन-ही-मन भगवान को प्रणाम करके प्रार्थना करें कि हे भगवान सर्व सिद्धिदायी विजयकाल चल रहा है, हम विजय के लिए "ॐ अपराजितायै नमः "मंत्र का जप कर रहे हैं ।*


*🔸 श्री हनुमानजी का सुमिरन करते हुए नीचे दिए गए मंत्र की एक माला जप करें ।*

*"पवन तनय बल पवन समाना, बुद्धि विवेक विज्ञान निधाना।"*


*🔸दशहरे के दिन विजयकाल में इन मंत्रों का जप करने से अगले साल के दशहरे तक गृहस्थ में जीनेवाले को बहुत अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं ।*


*🔹नेत्रज्योति बढ़ाने के लिए🔹* 


*🔸दशहरे से शरद पूनम तक चन्द्रमा की चाँदनी में विशेष हितकारी रस, हितकारी किरणें होती हैं । इन दिनों चन्द्रमा की चाँदनी का लाभ उठाना, जिससे वर्षभर आप स्वस्थ और प्रसन्न रहें । नेत्रज्योति बढ़ाने के लिए दशहरे से शरद पूर्णिमा तक प्रतिदिन रात्रि में 15 से 20 मिनट तक चन्द्रमा के ऊपर त्राटक (पलकें झपकाये बिना एकटक देखना) करें ।  -पूज्य बापूजी*



डेस्क

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