7 वर्षीय बालक की हत्या के आरोपी चाचा को मौत की सजा, पॉक्सो एक्ट के तहत ऐतिहासिक फैसला
गाजीपुर : गाजीपुर जिले के गहमर थाना क्षेत्र में 7 वर्षीय बालक की हत्या और दुष्कर्म के आरोपी संजय नट को अदालत ने मंगलवार को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। यह फैसला पॉक्सो एक्ट के तहत अब तक का एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है।
यह मामला थाना गहमर के ग्राम देवल का है, जहां 19 फरवरी 2024 को एक सात वर्षीय बालक के लापता होने की सूचना पुलिस को दी गई थी। पुलिस की सक्रियता और सर्विलांस टीम की जांच में सामने आया कि बालक के रिश्ते का चाचा संजय नट, जो उसी गांव में रहता था, अपने कमरे में किसी को प्रवेश नहीं करने दे रहा था। जब पुलिस ने बलपूर्वक तलाशी ली तो उसके कमरे में रखे एक बक्से से बच्चे का शव बरामद हुआ।
फोरेंसिक टीम की मदद से वैज्ञानिक तरीकों से साक्ष्य एकत्र कर पुलिस ने 4 अप्रैल 2024 को अभियुक्त के खिलाफ धारा 363, 377, 302 भादवि व 5m/6 पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप पत्र दाखिल किया।
“ऑपरेशन कन्विक्शन” के अंतर्गत पुलिस मॉनिटरिंग सेल और अभियोजन की निरंतर पैरवी, गवाहों की समय पर उपस्थिति और ठोस साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने आज 07 अक्टूबर 2025 को दोष सिद्ध करते हुए अभियुक्त संजय नट पुत्र लतिफ नट निवासी देवल, थाना गहमर, जनपद गाजीपुर को निम्न सजाएं सुनाईं —
धारा 302 भादवि के तहत मृत्युदंड एवं ₹50,000 अर्थदंड।
धारा 5m/5j(iv)/6 पॉक्सो एक्ट के तहत मृत्युदंड एवं ₹1,00,000 अर्थदंड।
धारा 363 भादवि के तहत 5 वर्ष का साधारण कारावास एवं ₹10,000 अर्थदंड।
पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 के निर्देशन में चल रहे “ऑपरेशन कन्विक्शन” अभियान के अंतर्गत यह फैसला पुलिस और अभियोजन टीम के प्रभावी समन्वय का परिणाम माना जा रहा है।
गाजीपुर पुलिस ने इसे महिला और बाल सुरक्षा के प्रति राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का उदाहरण बताया है।
By- Dhiraj Singh
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