रामलीला में मेघनाथ व रावण वध का हुआ सजीव मंचन
गड़वार (बलिया) कस्बा के रामलीला मंच पर चल रहे लीला के क्रम में बुधवार की रात में कलाकारों द्वारा मेघनाथ वध,सुलोचना विलाप,अहिरावण वध व रावण वध की लीला का सजीव मंचन किया गया। इस लीला को देखने के लिए दर्शकों की भीड़ उमड़ी रही। मंचन के दौरान लक्ष्मण की मूर्छा टूटने का समाचार रावण के दरबार में आया तो रावण बहुत क्रोधित हुए और उसका वध करने के लिए अपने भाई कुंभकरण के पास गए। छह महीनों से गहरी नींद में सोए कुंभकरण को नींद से उठाया जाता है। इसके बाद रावण कुंभकरण को राम से युद्ध करने की बात कहते है। इस बीच रावण व कुंभकरण के बीच बड़े ही मार्मिक संवाद होते है। कुल की शान रखने के लिए कुंभकरण युद्ध में जाता है और भगवान राम के हाथों उसका वघ हो जाता है। इसके बाद रावण पुनः मेघनाथ को युद्ध में भेजते है और इससे पहले मेघनाथ अपनी कुल देवी की पूजा करने जाता है। यह सूचना जब भगवान राम के पास पहुंचती है तो व लक्ष्मण व हनुमान जी को वहां भेजते है और मेघनाथ के हवन को सफल नही होने देते। इससे गुस्से में आए मेघनाथ और लक्ष्मण के बीच भयंकर युद्ध होता है और मेघनाथ भी मारा जाता है। इसके बाद राम रावण को घोर युद्ध होता है। युद्ध में राम को सफलता मिलते न देख विभिषण द्वारा राम को बताया गया कि लंकाधिपति रावण का वध उसकी नाभि में बाण मारकर किया जा सकता है तब श्रीराम रावण की नाभि में तीर मारकर वध कर देते हैं। रावण के मारे जाने पर पूरा पंडाल श्रीराम के जयकारे से गूंज उठा। लीला की शुरुआत अंजनी उपाध्याय ने श्रीराम दरबार की झांकी को दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मंच का संचालन मुकेश सिंह ने किया। जबकि व्यास गद्दी पर मोती लाल पटेल रहे।
रिपोर्ट : डी.पाण्डेय
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