गड़वार की रामलीला में रावण जन्म का मंचन, प्रभु के जन्म की हुई भविष्यवाणी
गड़वार (बलिया) कस्बा के रामलीला मैदान पर चल रहे रामलीला में सोमवार की रात में कलाकारों द्वारा कुबेर,रावण व उसके भाइयों के जन्म तपस्या आदि लीलाओं का मंचन किया गया। लीला का शुभारंभ विजय शंकर गुप्ता व त्रिलोकी सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया। जन्म होते ही रावण ने ब्रह्मा से वर मांगा कि वह वानर और मनुष्य को छोड़ किसी के हाथों ना मरे। इसी वरदान के साथ उसने स्वर्ग के देवताओं पर अत्याचार करना आरंभ कर दिया। वहीं कुंभकरण छह महीने सोने तथा एक दिन जागने का वरदान मांगता है तो विभिषण भगवान के चरणों में अनुराग का वरदान मांगते है। ब्रह्मा लंकिनी से कहते हैं कि राक्षसों का राजा रावण बहुत दिनों तक साम्राज्य फैलाएगा। माल्यावान रावण को त्रिकुट पर्वत पर श्रीलंका में निवास करने का परामर्श देता है कुबेर दूत से बताता है कि रावण उन पर आक्रमण की तैयारी में सेना सहित आया है। रावण राक्षसों से कहता है कि देवताओं का यज्ञ होम ना होने पाए, उसमें बाधा डालो। मेघनाद इंद्र को पकड़ लेता है। ब्रह्मा के निवेदन पर रावण इंद्र को छोड़ देता है। रावण डुगडुगी पिटवाकर सभी देवताओं को यज्ञ होम न करने के लिए कहता है। पुराण वाचने पर देवताओं को आग के हवाले करने की चेतावनी देता है। परेशान देवता बैंकुठ वास कर रहे भगवान विष्णु के पास जाकर रक्षा की गुहार लगाते है। तभी भविष्यवाणी होती है कि तुम लोग डरो मत हम तुम्हारे लिए मनुष्य का तन धारण करेंगे। अपने अंश सहित सूर्यवंश में अवतार लेकर इस पापी से मुक्ति दिलाएंगे।अंत में क्षीर सागर की भव्य झांकी की आरती होती है। मंच का संचालन मुकेश सिंह ने किया। वहीं व्यास गद्दी पर मोतीलाल पटेल रहे।
रिपोर्ट : डी.पाण्डेय
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